Friday, 24 April 2020

भैरवी स्तवन (Bharavi Stavan)


।।ॐ।। भैरवी स्तवन।।ॐ।।


तातो माता बंधुर दाता
पुत्रो पुत्री भर्थो भरथा
जानामि विद्या वृथिर ममेय
गतिस्वम  गतिस्वम त्वम एका भैरवी।

जानामि दानम ध्यान योगम
जानामि तन्त्रम स्त्रोत्र मंत्रम
जानामि पूजा न्यास योगम
गतिस्वम  गतिस्वम त्वम एका भैरवी।।

प्रेजेशम, रमेशम महेशम सुरेशम
दिनेशंस निषिधेश्वरम वा कदाचित
जानामि चानयत सदाहम शरण्य
गतिस्वम  गतिस्वम त्वम एका भैरवी।।

भवाबद्ध पारे महादुख भीरु
प्रपात प्रकामें प्रलोभे प्रमाथ
कुसंसार पाश प्रबधा सदाहम
गतिस्वम  गतिस्वम त्वम एका भैरवी।।।

जानामि पुण्यं, जानामि तीर्थम
जानामि मुक्तिम, लयम वा कदाचित
जानामि भक्तिम, वृतम वापी मात
गतिस्थवम गतिस्थवम तवं एका भैरवी।।।

विवाधे, विषादे, प्रमाधे, प्रवासे
जले चा नले पर्वते शत्रु मध्ये!
अरण्ये, शरण्ये सदा मम प्रपाहि
गतिस्थवम गतिस्थवम तवं एका भैरवी।।
🙏🙏🙏

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